तो दोस्तों आप सभी देवों के देव महादेव की पूजा तो करते ही होंगे, और उनकी पूजा करने के लिए आप कई प्रकार के कार्य करते होंगे, जैसे कई लोग महादेव को प्रसन्न करने के लिए उनकी पूजा आराधना करते हैं, तो कई लोग shiv chalisa का पाठ करते हैं, और तो और कई लोग तो शिवलिंग में जल भी अर्पित करते हैं। यह सोच कर कि शिव जी बहुत ही ज्यादा प्रसन्न होंगे। तो हम आपको बता दें कि सच में शिवलिंग में अगर आप जल अर्पित करते हैं, तो इससे महादेव प्रसन्न होते हैं। लेकिन क्या आप बिना किसी मंत्र के ही शिवलिंग में जल अर्पित करते हैं, अगर हां, तो आपको ऐसा नहीं करना चाहिए। आपको मंत्र का उच्चारण करने के साथ-साथ ही शिवलिंग में जल अर्पित करना चाहिए। तो आज के आर्टिकल में हम आपको बताने वाले हैं कि आपको शिवलिंग में जल अर्पित करते समय कौन से मंत्र का उच्चारण करना चाहिए। तो इसलिए इस आर्टिकल में लास्ट तक बने रहे तो चलिए शुरू करते है।

चलिए आपको इस मंत्र को बताने से पहले हम आपको यह बता देते हैं की आखिर शिवलिंग क्या है? अगर शिवलिंग की बात करें, तो यह भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है, जो कि हर शिव मंदिर में मौजूद होता है। इसके ऊपर का आकार अंडाकार होता है, और कहा जाता है कि इसकी आकृति हमारे ब्रह्मांड की आकृति की तरह ही है। शिवलिंग के ऊपर का अंडाकार भाग भगवान शिव को प्रदर्शित करता है, और नीचे वाला भाग पराशक्ति को प्रदर्शित करता है। इतना ही नहीं शिवलिंग को भगवान शिव और माता पार्वती की समानता का भी प्रतीक माना जाता है, इसलिए अगर आप इसमें जल अर्पित करते हैं, तो इससे आपको शिव जी एवं माता पार्वती दोनों की कृपा प्राप्त होती है। तो चलिए आपको शिवलिंग में जल अर्पित करते समय बोलने वाले मंत्र के बारे में बता देते हैं।

शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय कौन सा मंत्र बोलना चाहिए?

जैसा कि हमने आपको बताया कि शिवलिंग पर जल चढ़ाने से आपको शिव जी एवं माता पार्वती दोनों की कृपा मिलती है। लेकिन आपको कभी भी बिना किसी मंत्र के शिवलिंग पर जल नहीं चढ़ाना चाहिए, मंत्र का उच्चारण करके ही आपको शिवलिंग पर जल अर्पित करना चाहिए, इससे शिवजी और भी ज्यादा प्रसन्न होते हैं और आपको अपना आशीर्वाद प्रदान करते हैं। अगर उस मंत्र की बात करे तो वह मंत्र है —

मन्दाकिन्यास्तु यद्वारि सर्वपापहरं शुभम् ।

तदिदं कल्पितं देव स्नानार्थं प्रतिगृह्यताम् ॥

श्रीभगवते साम्बशिवाय नमः । स्नानीयं जलं समर्पयामि।

तो अब से आप जब भी शिवलिंग में जल अर्पित करें, तो इस मंत्र का उच्चारण करते करते ही शिवलिंग में जल अर्पित करें। इससे आपको अपने कार्य का पूर्ण फल मिलेगा, और शिव जी भी प्रसन्न होंगे, और आपको अपना आशीर्वाद प्रदान करेंगे। इसी के साथ आप चाहे तो ॐ नम: शिवाय का भी उच्चारण कर सकते है।